झगड़े और फ़साद से बचें
मुसन्निफ़- मौलाना ततहीर अहमद रज़वी बरेलवी
अहले इल्म व फ़ज़्ल मसाजिद के इमाम और समझदार लोगो से मैं गुज़ारिश करूँगा कि वो ताज़ियादारों से लड़ाई झगड़े न करें अख़लाक़ व मुहब्बत के साथ समझाने की कोशिश करें। मान जाएं तो ठीक है वरना ख़ुद को गलत कामों से बचा लेना और उनमें शिरक़त न करना भी काफी है, क्योंकि ताज़ियादार अक्सर बड़े झगड़ालू होते हैं, कुछ लोगो का ये ताज़ियादारी खाने कमाने का धंदा भी बन गई है, तो वो किसी सूरत मानने को तैयार होंगे ही नहीं। आप खुद को बचा लें खुदाए तआला आप की पकड़ नही फरमाएगा, हाँ बाअसर लोगों को अपने असर व रसूख़ का इस्तेमाल करना चाहिए।
(मुहर्रम मे क्या जाइज़ ?क्या नाजाइज़ ? पेज 47)
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